काश तेरे लिए बन पाता शकील बदायुनी,
ग़ज़ल लिख पाता कोई ताज़ा अनसुनी I
चौदहवीं का चाँद कह के तुम्हें बुलाता,
खुशियां तेरी कर देता दूनी चौगुनी I
या फिर मैं रूप धारण करता शैलेन्द्र का,
तेरे मन की गंगा और मेरे मन की जमुना का,
मैं होता आवारा, और तुम होती अनुराधा,
दोनों मिल के गाते प्यार हुआ इकरार हुआ I
शायद तुम्हें पसंद आता, मैं होता हसरत जयपुरी,
मेरा प्रेम पत्र पढ़ के तुम्हे होती बेहद्द ख़ुशी,
सेहरा में भी अंदाज़ से आती मिलन की बेला,
और जीवन की राहें ना कभी होती आंसू भरी I
कितना अच्छा होता जो मैं होता रजिन्दर कृष्ण,
गीतों के ज़रिये सुनाता तुम्हें मुहब्बत की धड़कन,
मन – मौजी बनके हम करते लव इन शिमला,
फर्क नहीं गर तुम होती लड़की, आशा या पड़ोसन I
और काश कहीं मैं होता मजरूह सुल्तानपुरी,
नी सुल्ताना कह के तुम्हारे दिल पे चलाता छुरी,
भीगी रात में सुजाता बनके करती तुम मदहोश,
ओपेरा हाउस और टैक्सी स्टैंड में होती हमारी मश्हूरी I
कैफ़ी आज़मी बनके सुनाता वक़्त के हसीं सितम,
दोनों मिलके फिर भी जीत ही लेते बाज़ी हम,
झूम झूम ढलती हमारी हर एक रात,
हीर राँझा बनते या बनते शोला और शबनम I
आखिर कहीं मैं होता राजा मेहदी अली खान,
आप की परछाईयों पे दे देता मैं अपनी जान,
शोख नज़र की बिजलियाँ तुम दिल पे मेरे गिराती,
लग जाती तुम गले से, सुनाके अपनी दास्तान I
पर ये सब हैं ख़्वाबों की या ख्यालों की बातें,
यहीं हमारे दिन हैं और यही हमारी रातें,
ना तो मैं हूँ गीतकार, ना ही तुम हो फिल्म स्टार,
आम हमारी कहानी है, आम हमारी मुलाकातें I
लेकिन क्या जो बन ना पाया मैं मशहूर गीतकार,
आम सही पर अमर रहेगा हम दोनों का प्यार,
सालगिरह मुबारक Lyn, जो भी हूँ मैं तेरा हूँ,
तू मेरी महबूबा है, और मैं तेरा दिलदार I
What a lovely ode to Marilyn .Beautifully expressed.
Simply beautiful. Right for occasion of wedding anniversary. Best wishes for both of U. Amen.
Thank you, Sir. Regards